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बेंगलुरू: भारतीय कोच अनिल कुंबले ने आज साफ किया कि करूण नायर का एक तिहरा शतक अंजिक्य रहाणे का दो साल की बेहद सफल यात्रा पर भारी नहीं पड़ सकता है तथा मध्यक्रम के इस अनुभवी बल्लेबाज को अंतिम एकादश से बाहर करने का सवाल नहीं उठता है. रहाणे के लिये इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला अच्छी नहीं रही थी और आखिर में उन्हें हाथ में फ्रैक्चर के कारण बाहर होना पड़ा था. आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट में वह 13 और 18 रन ही बना पाये थे और भारत यह मैच 333 रन से हार गया था. रहाणे ने पिछले पांच मैचों में 204 रन बनाये हैं.

कुंबले ने शनिवार से शुरू होने वाले दूसरे टेस्ट मैच से पूर्व पत्रकारों से कहा, ‘‘रहाणे को बाहर करने का सवाल ही पैदा नहीं होता. वह पिछले दो वषरें में काफी सफल रहा है. जहां तक टीम संयोजन की बात है तो हमने अभी तक इस पर चर्चा नहीं की है. सभी 16 खिलाड़ी चयन के लिये उपलब्ध हैं. ’’

कुंबले ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नायर को बाहर बैठना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘हां यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि करूण तिहरा शतक जड़ने के बाद टेस्ट नहीं खेल पाया. लेकिन हमारा टीम संयोजन इसी तरह का है. हम हमेशा पांच गेंदबाजों के साथ खेलना चाहते हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह किसी खिलाड़ी के चोटिल होने के बाद टीम उसकी जगह टीम में आया था. यह अच्छा है कि हमारे पास टीम में कई विकल्प हैं.’’

कुंबले ने कहा, ‘‘लोग एक समूह में सफल रहते हैं. यह इस समूह का अच्छा पहलू है कि जो भी टीम में आया उसने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन कभी ऐसा समय भी आता है कि जबकि खिलाड़ियों को टीम संयोजन के कारण बाहर होना पड़ता है. लेकिन करूण बेहतरीन खिलाड़ी है और उसे जो भी मौके मिले हैं हमने उनमें उसकी काबिलियत देखी है. ’’

कया भारत आगामी टेस्ट मैच में पांच गेंदबाजों के साथ उतरेगा, इस सवाल पर कुंबले ने कहा कि वे सही संयोजन के साथ खेलेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘यह इस पर निर्भर करता है कि हम टेस्ट मैच जीतने के लिये किसे सही संयोजन मानते हैं. अगर हम मानते हैं कि चार गेंदबाज पर्याप्त हैं या पांच गेंदबाजों की जरूरत है तथा कौन से चार या पांच गेंदबाज रखने हे, यह सब रणनीति पर निर्भर करेगा. हमारा लक्ष्य मैच जीतना है. ’’ चिन्नास्वामी स्टेडियम के विकेट के बारे में कुंबले ने कहा कि उन्हें परिणाम देने वाले विकेट की उम्मीद है.

उन्होंने कहा, ‘‘सच कहूं तो मैं चिन्नास्वामी के विकेट के बारे में ज्यादा नहीं जानता. मैं यहां पर खेलते हुए बड़ा हुआ हूं लेकिन आम तौर पर यह बल्लेबाजी के लिये अच्छा होता है. मुझे पूरा विश्वास है कि यहां परिणाम निकलेगा और एक टेस्ट मैच में हम यही चाहते हैं.’’

कुंबले ने कहा कि जब वह खेला करते थे तब पिच की परिस्थितियों को लेकर परेशान नहीं रहते थे. उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं खेला करता था कि तो मैं कभी पिच नहीं देखता था. लोग पिच के संबंध में मेरी गेंदबाजी को लेकर काफी कुछ लिखते रहे हैं लेकिन एक गेंदबाज या कप्तान या कोच के रूप में मैं कभी पिच को लेकर परेशान नहीं रहा. हां हम पिच देखने जाते हैं ताकि यह फैसला कर सकें कि हमें क्या करने और कैसी रणनीति अपनाने की जरूरत है.’’ आस्ट्रेलिया से पहला टेस्ट मैच गंवाने के बाद भारत का 19 मैचों का विजय अभियान थम गया और कुंबले को लगता है कि खिलाड़ी परिस्थितियों के अनुरूप तालमेल बिठाने में नाकाम रहे.

भारतीय कोच ने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया ने अच्छा खेल दिखाया. पिच चुनौतीपूर्ण थी लेकिन हम उससे तालमेल नहीं बिठा पाये. प्रत्येक मैच में आपको सामंजस्य बिठाने होते हैं और हम इसी पर गौर कर रहे हैं. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिये घरेलू सत्र शानदार रहा. हम हर मैच नहीं जीत सकते. जैसे मैंने कहा कि टेस्ट क्रिकेट के वर्तमान परिदृश्य में प्रत्येक मैच जीतना काफी चुनौतीपूर्ण है. इस टीम ने ऐसा किया तथा श्रीलंका, भारत और वेस्टइंडीज की परिस्थितियों में अच्छी टीमों के खिलाफ जीत दर्ज की. ’’

भारत के डीआरएस के सही तरह से उपयोग नहीं कर पाने के बारे में कुंबले ने कहा, ‘‘हम इस(डीआरएस) पर बात करते रहे हैं लेकिन मुझे नहीं लगता कि हमने गड़बड़ी की. अगर आप इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ दो श्रृंखलाओं पर गौर करो तो हमने विरोधी टीम की तुलना में बेहतर फैसले किये. इस बारे में बात करना अभी जल्दी होगा.’’

उन्होंने कहा, ‘‘आस्ट्रेलिया की टीम बहुत अच्छी है और मुझे नहीं लगता कि हम अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन कर पाये थे जैसा कि हम चाहते थे. हम इस टेस्ट मैच में वापसी करना चाहेंगे और अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन करने की कोशिश करेंगे. ’’

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