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@Saurabh Dwivedi

लोकतंत्र मे जनसुनवाई का सबसे बड़ा महत्व है। विधायक आनंद शुक्ला इन दिनों जनसुनवाई कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पूर्व जनसुनवाई कार्यक्रम के अनेक मायने हैं।

उपचुनाव मे विधायक बनने के दो साल के सफर को जनता के सामने रखने का कार्यक्रम शुरू है। कोई भी विधायक पांच साल मे जनता को कार्यों का जवाब देता है परंतु विधायक आनंद शुक्ला को ढाई साल मे ही युवाओं और जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना था।

प्रिया मसाले का स्वाद हर जुबान को भाए।

जनसुनवाई के माध्यम से जानकारी मिली कि मऊ – मानिकपुर विधायक ने ढाई साल को पांच साल मे बदलने की कोशिश की , इस बीच कोरोना महामारी का लंबा दौर चला। इनके पूरे कार्यकाल मे महामारी का भी खूब असर रहा। लेकिन आपदा मे अवसर को देखते हुए विधायक ने जनता के द्वार पहुंच कर सेवा की।

अभिवादन स्वीकार करते विधायक

विधानसभा चुनाव को जब कुछ महीने ही शेष रह गए हैं उससे पूर्व विधायक गांव – गांव पहुंचकर जनता की समस्याओं को जानने का प्रयास कर रहे हैं , साथ ही तत्काल निदान करने की भरसक कोशिश करते हैं। इस बीच वह मुस्लिम पुरवा भी पहुंचे। जहाँ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी विधायक को अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस तरह भाजपा के संगठनात्मक मंडलवार भौरी आदि दर्जनों गांवो मे पहुंचकर जनता को अपने कार्यों से अवगत कराया एवं समस्याओं के निदान के लिए अधिकारियों से संपर्क कर अवगत कराए।

उनकी प्रत्येक तस्वीर बोलती हुई नजर आती है। जहाँ जनता का प्यार और समर्थन बखूबी नजर आता है। बहुत ही कम समय मे राजनीति की जमीन युवा विधायक ने तैयार की यह कार्यों से साफ पता चलता है।

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