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चित्रकूट : देर शाम बुधवार को धनुष चौराहे पर महिलाओं ने इतिहास रचा , धनुष चौराहे पर पहली बार पुतला दहन हुआ। ट्रैफिक चौराहे पर पुतला दहन सहित तमाम आंदोलन होते रहे लेकिन जब से धनुष चौराहा बना इस तरह का पहला आंदोलन महिला मोर्चा द्वारा जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी के नेतृत्व मे किया गया।

बिहार के मुख्यमंत्री नितीन कुमार ने जनसंख्या नियंत्रण पर बोलते हुए कुछ इस तरह का बयान दे गए जो बेटियों और महिलाओं के सम्मान के खिलाफ है। सिर्फ इतना ही नही बयान सुनकर लालू यादव के पुत्र तेजस्वी ठहाका लेकर हंस रहे थे। बिहार सरकार के अधिकतर मंत्री और विधायक मुख्यमंत्री के इस बयान पर हंसते हुए नजर आए थे।

दृश्य ऐसा ही कुछ था कि दुशासन द्रोपदी का चीर हरण कर रहा था तो दुर्योधन सहित सारे कौरव ठहाका मारकर हंस रहे थे। बिहार विधानसभा मे ऐसा ही कुछ हुआ चूंकि नीतिश कुमार का बयान महिलाओं और बेटियों का चीर हरण करने जैसा ही था। मानसिक अपमान देश की हर बेटी को झेलना पड़ेगा , तो महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष दिव्या त्रिपाठी ने कहा नितीश कुमार कलयुग के दुशासन बन गए हैं जिन्हें श्रीकृष्ण अवश्य दंड देंगे। बिहार सरकार का समूल नाश कौरवों की तरह होगा और जवाब बिहार की जनता व देश की जनता देगी।

जहां एक ओर मोदी सरकार नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित कर नारी शक्ति का सम्मान कर रही है वहीं दूसरी ओर नितीश कुमार जैसे मुख्यमंत्री नारियों का अपमान कर रहे हैं तो इससे बिहार के मुख्यमंत्री का असली चेहरा सामने आया है।

उन्होंने कहा हम लोग इसलिए देर शाम को ही सड़क पर निकल कर नीतिश कुमार का पुतला दहन किए हैं। लेकिन पुतला दहन करने मे नारी शक्ति को काफी मशक्कत करनी पड़ी है। कानून के अनुसार पुलिस ने पहले पुतला चुपके छीन लिया जिससे मेरी सभी बहने सड़क पर बैठकर ही धरना देने लगीं। धरने मे राखी चौबे , माया प्रजापति , अर्चना सिंह , जिला उपाध्यक्ष अंजू वर्मा और साधना सिंह सहित दर्जनों महिलाएं उपस्थित रहीं।

नारी शक्ति के साहस और शौर्य के प्रदर्शन के सामने पुलिस को अंततः मजबूर होना पड़ा और पुतला हमने पुनः प्राप्त किया उसके बाद नीतिश कुमार के पुतले को पटक पटक कर धू धू कर जलाया गया।

महिलाओं ने कहा कि नीतिश जैसों को नारी शक्ति औकात याद दिलाना जानती है। वे नारियों का सम्मान करना सीखें और इसके जवाब मे नारी शक्ति एक है। मामला यह था कि नीतिश कुमार विधानसभा में यह कहते हुए पाए गए कि ” पुरूष रोज महिलाओं से सेक्स करते हैं जिससे जनसंख्या बढ़ती है लेकिन बेटियाँ पढ़ी लिखी होंगी तो यह कहेंगी कि अंत में बाहर ही निकाल दो। ” जो सुनने मे बेहद भद्दा लगता है और यह सम्मान के खिलाफ पाया जा रहा है।

इस बयान को लेकर सोशल मीडिया पर भी महिलाएं विरोध दर्ज करा रही हैं कि बेटियों को पढ़ाने का यह एक कारण गिनाकर नीतिश कुमार ने शर्मसार किया है। व्यापक विरोध को देखते हुए अब नीतिश कुमार हाथ जोड़ते हुए मेन स्ट्रीम मीडिया मे नजर आ रहे हैं।

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