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औदहा मे दलित किशोरी के साथ बलात्कार एवं हत्या के संगीन मामले के बाद थानाध्यक्ष पहाड़ी अजीत पांडेय को पुलिस अधीक्षक अतुल शर्मा ने पुलिस लाइन भेज दिया , एवं नई तैनाती गुलाबी त्रिपाठी के कंधो पर दे दी। कानून व्यवस्था और सामाजिक सामंजस्य कैसे स्थापित हो शायद इस ओर ही नवागंतुक थानाध्यक्ष ने कोशिश की है।

चार्ज संभालते ही थाना क्षेत्र के ग्राम प्रधानों के साथ एक बड़ी बैठक की। जिसमे उन्होंने गाँव की समस्याओं को जानने की कोशिश की , चूंकि गाँव से ही सबसे अधिक क्राइम के मामले आ रहे हैं। गाँव मे अशांति का सबसे बड़ा प्रमाण है कि थाने गाँव के मुकदमों से गुलज़ार हैं।

यही सब बातें थानाध्यक्ष गुलाब त्रिपाठी ने कहीं कि नाली के झगड़े पर इज्जत का झगड़ा नही बनना चाहिए। द्वेष भावना इतनी नही बढ़नी चाहिए कि झूठे मुकदमे लिखवाए जाएं। किसी को फंसाने की सोच से इज्जत दांव पर नही लगानी चाहिए। खेत का झगड़ा खेत तक ही सीमित रहे जिसे आपसी संवाद और पुलिस की मध्यस्थता से सुलझाया जा सकता है।

एक विशेष बात उन्होंने कही कि मैं गाँव पर बैठक करूंगा। प्रधानों के संग जनता से खुले मैदान मे खुले मन से बातचीत करूंगा जिससे हमे विश्वास है कि क्राइम कम करने और समाप्त करने मे मदद मिलेगी। कुलमिलाकर उनका जोर रहा कि संभ्रांत नागरिकों के साथ पुलिस के अच्छे रिश्ते बनने से छोटे – मोटे आपसी झगड़ों को आपसी दरबार से समाप्त करेंगे और कुख्यात अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की कानूनी प्रक्रिया की जाएगी।

बैठक मे मौजूद ग्राम प्रधान एवं संभ्रांत नागरिकों ने थाना प्रभारी की आकर्षक बातों का दिली स्वागत किया और उम्मीद जताई कि वह और उनकी टीम इन्हीं बातों के आधार पर काम करेंगे और हम सभी सहयोग की भूमिका निभाएंगे। गाँव मे ऐसे संवाद का स्वागत किया जाएगा जब पुलिस गाँव आ जनता से संवाद करेगी।

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