SHARE
अर्चना नितिन उपाध्याय ने संयुक्त बयान मे कहा कि हम ऐसे मुस्लिम समाज का धन्यवाद व्यक्त करते हैं जिन्होंने देश मे समरसता की सबसे बड़ी लकीर खीची है। जैसे रहीम खुद आए हों अपने रामलला का स्वागत करने इसलिए कहा जाता है कि ये मुल्क साझा संस्कृति का वाला है जहाँ हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई किसी मे भेदभाव नही है बल्कि हम चारो भाई हैं और सनातन नामक वृक्ष की जड़ के अनेक शाखाएँ और फूल पत्ती व फल हैं।

चित्रकूट : तपस्वी श्रीराम की धरा चित्रकूट मे हर्ष उल्लास का माहौल उल्लेखनीय रहा जहाँ जय बजरंग सेना ने झांकियों की भव्य शोभा यात्रा निकालकर इतिहास रच दिया।

राष्ट्रीय प्रभारी अर्चना उपाध्याय ने कहा कि अकल्पनीय और अद्भुत अनुभव चित्रकूट मे हुआ जब मुस्लिम समाज ने घरों से निकलकर शोभा यात्रा का स्वागत किया। उन्होंने कहा हम तो यह सोच नही सकते थे कि बाबरी विध्वंस के बाद श्रीराम मंदिर निर्माण हुआ और ऐसे मौके पर मुसलमान भाई रामलला का स्वागत करेंगे।

जय बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन उपाध्याय ने कहा कि श्रीराम ने समरसता का जो संदेश दिया उसे यहाँ के हिन्दू मुस्लिम समाज ने जिस प्रकार अपनाया है उससे भारत देश की वास्तविक तस्वीर झलकती है। उन्होंने कहा मेरे तो रोंगटे खड़े हो गए कि देश के किसी कोने मे राम रहीम की ऐसी साझा संस्कृति जिंदा है।

श्री उपाध्याय ने कहा पीएम मोदी ने सही कहा कि राम विवाद नही समाधान हैं जिसे चित्रकूट के हिन्दू और मुस्लिम भाइयों ने चरितार्थ किया है कि यहां कोई विवाद नही और कहीं भी विवाद नही होना चाहिए। हमारे समाज मे मोहम्मद रसीद उर्फ चीनी भाई जैसे मुस्लिम भाई हैं जो सैकड़ो मुस्लिम भाइयों के साथ रामलला का स्वागत कर समरसता की अलख दिलों मे जगा देते हैं।

Contact for booking hotel sphatic

अर्चना नितिन उपाध्याय ने संयुक्त बयान मे कहा कि हम ऐसे मुस्लिम समाज का धन्यवाद व्यक्त करते हैं जिन्होंने देश मे समरसता की सबसे बड़ी लकीर खीची है। जैसे रहीम खुद आए हों अपने रामलला का स्वागत करने इसलिए कहा जाता है कि ये मुल्क साझा संस्कृति वाला है जहाँ हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई किसी मे भेदभाव नही है बल्कि हम चारो भाई हैं और सनातन नामक वृक्ष की जड़ के अनेक शाखाएँ और फूल पत्ती व फल हैं।

चित्रकूट मे जश्न का माहौल

इस मौके पर फोन द्वारा वार्ता मे उन्होंने चित्रकूट के युवाओं और महिलाओं सहित सभी राम भक्तों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों मे वनवासी श्रीराम का चरित्र सर्व व्यापक है जिसे लगातार जीवंत रखने के लिए हम सभी मिलकर प्रयास करें तभी भारत की विश्व गुरु वाली छवि इक्कीसवीं सदी मे उभरकर सामने आएगी। उन्होंने जय बजरंग सेना के दूर दराज से आए हुए सेनानियों को भी हृदय से धन्यवाद कहा।

image_printPrint
5.00 avg. rating (98% score) - 1 vote