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By :- Saurabh Dwivedi

वर्तमान समय में चर्म रोग के अधिकाधिक मामले सामने आने लगे हैं। चर्म रोग से जुड़े विषय पर चर्म रोग विशेषज्ञ डा. जितेन्द्र मधुकर से खास बातचीत हुई। युवा चर्म रोग विशेषज्ञ का कहना है कि बहुतायत चर्म रोग की समस्या मानव जनित है। आहार – विहार उचित नहीं होना महत्वपूर्ण कारण है। चर्म रोग से जुड़ी अन्य गहरी बातें भी हैं , जिनका मनुष्य को ख्याल रखने की बेहद आवश्यकता है।

हाल ही में एक महिला चर्म रोगी डाक्टर जितेन्द्र मधुकर से मिलने पहुंची। उसके हाथों में बड़े बड़े चकत्ते साफ दिख रहे थे। ये महिला रोगी मेरे ही कस्बा पहाड़ी में होटल व्यवसायी हैं। जिन्हें लंबे समय से नजदीक से देख रहा था। पिछले चार – पांच वर्ष से चर्म रोग की बीमारी से ग्रसित दिखीं।

किन्तु जितेन्द्र मधुकर के इलाज करने की वजह ही कही जाएगी कि रोगी को चमत्कारी परिणाम मिला। जब महिला रोगी ने चर्म रोग विशेषज्ञ को दिखाया तो उसने कहा कि हाँ एक हफ्ते में खूब लाभ हुआ है। वास्तव में उसके बड़े चकत्ते कम हो चुके थे , सूखने की ओर दिख रहे थे।

चर्म रोग का इलाज विशेषज्ञ से ही कराना चाहिए। इस संदर्भ में डाक्टर साहब से जब हमारी बात हुई तो उन्होंने गहरी बातें कहीं। जिनमें सर्वप्रथम प्रमुख बात यही थी कि खेती अब रासायनिक खाद के भरोसे चल पड़ी है। यह भी एक वजह है कि शुद्ध अनाज मनुष्य को मिल ही नहीं पा रहा है। साफ संकेत है कि किसानों को जैविक खेती की ओर रूख करना चाहिए।

उनके इस कथन से हमें अंदाजा लगा कि कुछ विशेष साबुन व वाशिंग पाऊडर आता है। जो पल भर में दाग मिटाने का दावा करते हैं। जिनका एक ही सत्य है कि वे हानिकारक रासायनिक का अधिक प्रयोग कर रहे हैं। कपड़े साफ करते हुए खुले हाथ और पैर की कोमल उंगलियां हानिकारक रासायनिक तत्व से बनी साबुन एवं वाशिंग पाऊडर के झाग के संपर्क में आ जाती हैं। जिससे हाथ – पैर खुजली रोग की शिकायत के बाद धीरे-धीरे चर्म रोग के शिकार हो जाते हैं।

यही कुछ कारण हैं कि चर्म रोग विशेषज्ञ का कहना है कि महिलाएं ज्यादातर कपड़े धुलने का काम करती हैं। साबुन और वाशिंग पाऊडर अच्छी क्वालिटी का प्रयोग करना चाहिए। साथ ही किसान परिवारों को जैविक खेती की ओर लौटना चाहिए , जिससे भोजन में प्रयोग होने वाला अनाज हानिकारक रासायनिक तत्व से रहित होगा। यही कुछ प्रमुख उपाय हैं जिससे महिलाएं चर्म रोग से बच सकती हैं एवं इन कार्यों में संलग्न पुरूषों को भी लाभ मिलेगा।

ध्यानार्थ :- चर्म रोग विशेषज्ञ चित्रकूट एवं बांदा जनपद के कर्वी ( सीपीएस स्कूल के सामने ) , पहाड़ी ( शांति देवी इंटर कॉलेज के सामने ) , रामनगर एवं कमासिन आदि जगहों पर साप्ताहिक निःशुल्क परामर्श प्रदान करते हैं।

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