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बांदा । वर्तमान में हिन्दू जागरण मंच की प्रदेश महामंत्री अर्चना मिश्रा ने सर्वप्रथम माँ मंदाकिनी को जीवंत करने की पहल की थी। 

गौरतलब है कि वर्तमान में कई संगठन मंदाकिनी बचाओ अभियान में खून पसीना एक कर रहे हैं। किंतु मातृत्व भाव की धनी महिला नेत्री ने बांदा से चित्रकूट की ओर रूख किया था। सर्वप्रथम इन्होने ही मंदाकिनी के दमींदोज होते स्रोत और बढती गंदगी की चिंता की थी। 

नब्बे के दशक में ही आपने महसूस कर लिया था कि धर्मनगरी की मां मंदाकिनी को अगर जीवंत नही रखा गया तो यहाँ की जनता और आने वाले श्रद्धालू त्राहि त्राहि तो करेगें ही साथ ही धर्म नगरी का वैभव भी छिन जायेगा। 

हमारी खास बातचीत में उन्होंने कहा कि बचपन से देश और समाज के प्रति हृदय में प्रबल भाव रहे हैं। एक बार चित्रकूट दर्शन के लिए जब गई थी। उसी वक्त मां मंदाकिनी की बचाओ बचाओ की चीत्कार मुझे महसूस हुई और मैने गंदगी से बचाने के लिए लोगों से साबुन न लगाने और हवन सामग्री आदि को न विसर्जित करने की प्रथम अपील की थी।

एक समूह बन गया था। किंतु कुछ लोगों की राजनीतिक महत्वाकांक्षा के चलते अभियान मे सम्मिलित लोग स्वलाभ के स्वार्थ में अलग थलग हो गये। किंतु हमारे ही प्रयास से तत्कालीन यूपी और एमपी की सरकार ने मंदाकिनी की साफ सफाई व स्रोत को जीवंत करने के लिए बजट आवंटित किया था। 

परंतु दुर्भाग्य ये था कि आवंटित धन भ्रष्टाचार के भेंट चढ गया और आज भी नदी बचाने के नाम पर सामाजिक और सरकारी धन के लूट खसोट की परंपरा का निर्वाह कुछ तथाकथित समाजसेवी कर रहे हैं।

इस बाबत उन्होंने कहा कि केन्द्र और दोनो राज्य सरकार से पत्राचार के माध्यम से मंदाकिनी नदी की जीवंतता के लिए फिर से एक प्रयास शुरू किया गया है। शीघ्र ही मंत्री उमा भारती से मुलाकात कर वास्तुस्थिति से वाकिफ कराकर धरातल पर प्रयास किया जायेगा।


Report – Saurabh Dwivedi

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