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Saurabh Dwivedi

पीडि़ता की तहरीर पर मुकदमा ना दर्ज कर, दबंगो द्वारा पिता पर दबाव बनाकर सिर्फ छेड़खानी का मुकदमा पंजीकृत कर मऊ थानाध्यक्ष द्वारा दुष्कर्म के मामले को कमजोर कर दुष्कर्मी को बचाने का घिनौना कृत्य किया जा रहा है। 

महाभारत काल में कृष्ण अवतरित हुए और दुशासन को पल भर में चित्त गिर जाना पड़ा, पर यहाँ रक्षक ही दुशासन बने हुए हैं। जनप्रतिनिधि ऐसे मामले पर अगुवाई करने आते नहीं और एक नाबालिग पीडि़ता दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। 
अब आशा उन देवता से है, जिन्हें तथाकथित पत्रकार ने लिखा था कि गांव की जनता कहती है, एसपी साहब देवता हैं। लेकिन उन देवता तक चाइल्ड लाइन और पीडि़ता की पुकार व चीत्कार पहुंच सके। वे सुन सकें और मामले में न्यायिक कार्यवाही हो। 
पोर्टल के माध्यम से चित्रकूट पुलिस की छवि मनमाने तरीके से स्वच्छ बनी हुई है एवं कैबिनेट मिनिस्टर डा. महेन्द्र सिंह एसपी प्रताप गोपेन्द्र की पीठ थपथपा गए थे। अब न्यायिक कार्यवाही करा सकें तो चित्रकूट के समाजसेवी Abhimanyu Bhai सहित जनता भी जरा पीठ थपथपा ले। 
महाशिवरात्रि अभी बीती ही थी कि हे देवों के देव महादेव हमें पार्वती की जंग लड़नी पड़ रही है। सूबे के मुखिया नाथपंथ के योगी आदित्यनाथ हैं। महादेव के पुजारी हैं। एनकाउंटर में महारत हासिल कर चुकी यूपी पुलिस आखिर किस मद और सह में एक दुष्कर्मी को बचाने के लिए प्रयासरत दिख रही है। 
आज दुष्कर्म के पश्चात एक बालिका को मुंह बांधना पड़ रहा है। जबकि दुष्कर्मी का मुह काला होना चाहिए। हमारी यह जंग न्याय मिलने तक पूर्व की भांति शिवदेवी की तरह जारी रहेगी और अंतिम विजय हमारे प्रयास की होगी। 

बहरहाल शासन प्रशासन से आग्रह है कि अपनी व समाज की नाक बचा लें वरना नककटों को कोई पूंछता नहीं है।

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