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मुझे लगा जिसने शैडो लिखी है उसकी आंखो मे तो झाँक लूं , उनका पूर्व जन्म क्या है ? उनमे पूर्व जन्म की परख करने वाली अनंत यात्रा की ऊर्जा है या नहीं ! कवर पेज के पीछे वाले पृष्ठ पर छपी हुई फोटो पर नजर डाली तो नजर मिल गई और पैनी पारखी नजर की गहराई समझ आई , लेखिका जयंती रंगनाथन की उपन्यास कहती है पूर्व जन्म होता है और हम सब पूर्व जन्म की वजह से एक दूसरे से जुड़ते हैं व घटनाएँ घटती हैं।

समझने की बात है एक परिवार जिसमे सगे संबंधियों मे बहुत प्रेम होता है और एक दूसरा परिवार जिसमे सगे परिजनों मे कलह उत्पन्न रहता है।

कहने को एक गर्भ से जन्मे भाई – बहन हैं। कहने को माँ – बेटा हैं। किन्तु एक ही गर्भ से जन्म हुए लोग एक दूसरे के खिलाफ जाने – अनजाने षड्यंत्र करते हैं , इस वजह से कुछ घटनाएं ऐसी घटती हैं कि एक जीवन भी बर्बाद हो जाता है और अंतहीन गृहकलह परिणाम बन जाता है।

पति – पत्नी का सबसे करीबी रिश्ता , यहाँ फेसबुक पर शादी की सालगिरह पर बेशक सबको पता नही चलता कब सिल्वर जुबली एनवर्सरी आ गई लेकिन हकीकत का पैमाना कहता है कुछ कपल मे वास्तव मे प्रेम होता है जो उनकी तस्वीर मे झलक जाता है और बहुत से पति – पत्नी हंसते हुए तस्वीर डालते हुए भी अलग-अगल नजर आते हैं और उनमे वास्तव मे प्रेम नही होता।

एक पति वक्त से पहले गुजर जाता है फिर वो पत्नी सामाजिक रूप से अकेले जीवन काटती है , वजह एक्सीडेंट या हार्टअटैक जैसी कोई घटना हो सकती है। पत्नियां भी पहले गुजर जाती हैं भले उसका पति बहुत प्यार करता रहा हो फिर कारण क्या है ?

चूंकि हम एक जन्म का नही जानते। अपने इस जन्म का अगला पल नही पता रहता कि क्या हो जाएगा ? बीते हुए समय मे घटी हुई घटनाएं बेशक हमे परेशान करती हैं चूंकि वह हमारे मन – मस्तिष्क मे जगह बनाए हैं और यकीनन पूर्व जन्म होता है तो इस जन्म को ही याद रख पाते हैं वह भी जन्म के एक साल बाद और चार – पांच साल बाद ही हम अपने इस जन्म से जुड़ पाते हैं।

पूर्व जन्म की मिस्ट्री मे जाएगा कौन ? यह बहुत ज्यादा गहराई मे पहुंचने की सोच है या किसी गहन अंधकारमय खाईं मे कूदना जहाँ बचकर निकलना बहुत मुश्किल है।

फिर भी कुछ लोग हैं इस दुनिया मे जिनके मन मे पूर्व जन्म को लेकर कौतुहल रहता है। अगर उन्हें अवसर मिल जाए तो वह जानना चाहते हैं और हकीकत मे ये किताब आपको पूर्व जन्म का बताएगी नही परंतु पढ़ते – पढ़ते आप अपने आस-पास के रिश्ते और घटी हुई घटनाओं के आधार पर कुछ तो आभास कर लेंगे कि ऐसा क्यों ?

उपन्यास सचमुच बहुत दिलचस्प है जैसे ही मन करे कि बाद मे पढ़ेंगे वैसे ही कुछ ऐसा वाक्य आ जाएगा कि आपकी जिज्ञासा की इच्छा प्रबल हो जाएगी और आप पढ़ते पढ़ते आगे बढ़ जाएंगे , बहुत बहुत बार पढ़ते पढ़ते हंसेंगे कि अरे यार… ये सब क्या हो रहा !

क्या थ्रिल है। पर मुझे किताब पढ़ते पढ़ते किरदार मारिया पर आभास हो गया था कि वह मयंक के साथ करीबी पल गुजारेगी और लेखिका ने यहाँ आम लेखकों की तरह सेक्स परोसने की कोशिश नही की जैसे लोग ऐसा लिखकर किताब बिकने और पढ़े जाने की उम्मीद करते हैं। हकीकत मे किताब एक पल को नही भटकी जबकि जिंदगी मे हम भटकते हैं।

पहचानिए अपनी शैडो को ! लोग अपनी परछाईं को दिन भर मे कितनी बार देखते हैं शायद एक भी बार नही , हाँ जीवन मे कुछ बार जरूर देखते हैं लेकिन परछाईं मुक्तिधाम तक साथ चलती है।

होता है कोई अपना जिससे आप जुड़ाव महसूस करते हैं। रक्त के रिश्ते से इतर दोस्ती का रिश्ता अक्सर ज्यादा आत्मीय विश्वसनीय सिद्ध हो जाता है। कोई अजनबी हमारी जिंदगी मे दस्तक देता है और हमारे साथ अच्छा कर जाता है या कभी कभी बुरा भी हो जाता है।

कोई तो है जो हमारी जिंदगी मे पूर्व जन्म की वजह से आता है। जो जिंदगी मे बहुत धक्के खाए होंगे और घटनाओं के जाल मे रहे होंगे उनकी गहराई उनको पूर्व जन्म को आभास कराने के लिए सहायक सिद्ध होती है और प्रबल इच्छाशक्ति से सब संभव है।

उपन्यास को उपन्यास पढ़ने की तरह ले सकते हैं या फिर कुछ जानने के लिए और पढ़ते पढ़ते आभासी संतुष्टि हो जाए तो लेखिका सफल हो गईं।

यूं तो आप सिने जगत से लेकर पत्रकारिता जगत तक महान हस्ती हैं और सफल हैं फिर भी आपकी शैडो की सफलता आपको जीवन मे सबसे मनमोहक सफलता महसूस होगी और लेखन का जादू चल गया , यह आप स्वयं मानेगीं।

आपके रहस्यमयी व्यक्तित्व और रहस्य उजागर करने वाले लेखन हेतु आदरणीया जयंती रंगनाथन जी आपको शुभकामनाएं।

आपकी शैडो……

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