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By :- Saurabh Dwivedi

बुंदेली आवाज किसान विकास समिति के बैनर तले पथरा निवासी जल समस्या से मुक्ति हेतु ब्लाक परिसर पहाड़ी पर तीन जून से धरना दे रहे हैं। ये वही संघर्ष जिस संघर्ष के लिए विधायक चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय जाने जाते हैं। सूखा राहत एवं किसान समस्याओं के लिए कभी चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय थाली बजाते नजर आते थे। परंतु वर्तमान में हालात यह हैं कि इनकी विधानसभा की जनता पानी की समस्या हेतु धरने पर है तो विधायक तक आवाज पहुंच भी रही है या नहीं !

किसान विकास समिति के अध्यक्ष विशाल भाई से सीधी बातचीत में पता चला कि बीस साल से समस्या है और हाल ही में जिलाधिकारी से लेकर जल निगम तक कागज के घोड़े दौड़ाए गए। किन्तु भीषण गर्मी से इंसान मर सकता है परंतु अधिकारी व जनप्रतिनिधि उफ करते नजर नहीं आते हैं।

गांव की गरीब जनता पानी चाहती है। उत्तर प्रदेश की सरकार बुंदेलखण्ड में जल समस्या हल करने हेतु धन आवंटित करने की बात कहती है। परंतु मतदान बहिष्कार करने के बावजूद भी पथरा ग्राम की समस्या का हल नहीं निकल सका तो इस लूपहोल को खोज जनता स्वयं करना चाहती है।

ब्लाक परिसर पर धरना देते हुए तीन चार दिन बीत चुके हैं। हाल ही में एक अनशनकारी की तबियत भी बिगड़ गई। किन्तु शासन प्रशासन की जाने क्या मजबूरी है कि कोई लिखित आश्वासन भी नहीं मिल पा रहा है।

इसलिये कोई युक्ति ना सूझने से धरना धारियों ने तय किया है कि अतिशीघ्र ही सदर विधायक चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय के घर के सामने ही धरना दिया जाए तो शायद कुछ बात बन जाए। वैसे यह जनप्रतिनिधि का जनहित वाला कर्तव्य है कि गर्मी हो या कोई भी मौसम जनता को पीने का स्वच्छ पानी मुहैया कराया जा सके। ग्रामीणों की माने तो ग्राम प्रधान भी पानी की समस्या को लेकर सक्रिय व गंभीर नजर नहीं आते हैं।

कुलमिलाकर मानवता के हित में लोकतंत्र को चरितार्थ करने हेतु शासन प्रशासन को पानी की समस्या अतिशीघ्र हल कर संवेदनशीलता का परिचय देना चाहिए। अन्यथा जनक्रांति ऐसी हो सकती है कि सचमुच गांव की जनता विधायक के घर के समक्ष नजर आ सकती है।

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