By – Saurabh Dwivedi
जनपद चित्रकूट भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष व वर्तमान क्षेत्रीय मंत्री अशोक जाटव की लोकप्रियता की वजह ही है कि फेसबुक पर बधाई संदेश बारिश की तरह बरसने लगे। सुबह से ही बधाई संदेश का तांता लगने से पुनः उनकी लोकप्रियता का अहसास का अंदाजा लग गया।
जिलाध्यक्ष रहते हुए कार्यकर्ता के सम्मान में सदैव खड़े रहने की चर्चा आम होने लगी है। यह उसी प्रकार है कि जब कोई व्यक्ति नहीं रह जाता या पदेन नहीं रह जाता तब उसकी अच्छाई निखरकर सामने आने लगती है। वैसे ही जिलाध्यक्ष पद से हटने के कुछ महीने बाद ही कार्यकर्ताओं को भी अहसास हुआ कि जनहित के संदर्भ में विशेष गुण मौजूद थे।
किन्तु अशोक जाटव को क्षेत्रीय मंत्री की जिम्मेदारी मिली तो दल के दिशा निर्देश अनुसार काम किया। जब दलीय शीर्ष नेतृत्व द्वारा मध्यप्रदेश चुनाव की जिम्मेदारी दी गई तो वहाँ भी पहुंचकर ताबड़तोड़ प्रचार – प्रसार कर स्थानीय चुनाव में जान फूंक दी।
राजनीति में हार – जीत समय के अनुसार होती रहती है। पद आते-जाते रहते हैं। अगर कुछ शेष बचता है तो व्यक्ति का व्यक्तित्व। आज अशोक जाटव के उसी कर्मठ – समर्पित व्यक्तित्व की चर्चा आम कार्यकर्ता अवश्य करता नजर आता है। जनपद की राजनीति एवं जनहित के संदर्भ एक विशेष कमी का अहसास अवश्य हो रहा है। चूंकि जिलाध्यक्ष पद एक बड़ी जिम्मेदारी होती है व जनपद के कार्यों में सीधा हस्तक्षेप होता है। संगठन की संरचना भी मजबूत करनी होती है। एक प्रभावशाली सकारात्मक संगठन तैयार करना होता है। ऐसे सभी आवश्यक गुणों से भरपूर व्यक्तित्व को उस दौर में याद किया जाता है जब यह लगने लगे कि कहीं कोई कमी संगठन के हित में हो रही है। ऐसा लगने लगे कि कार्यकर्ता के सम्मान की रक्षा भी नहीं हो पा रही है। जब लगने लगे कि जनहित के कार्यों को कार्यकर्ता की आवाज से सुनने और करने में कमी हो रही है। इसलिये ही आज अशोक जाटव जैसा व्यक्तित्व पुनः सिद्दत से याद किया जा रहा है। यह भी बड़ी वजह रही कि लोगों ने आत्मीयता से बधाई संदेश प्रेषित किए।