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इसलिए श्रीराम की मूर्ति के दर्शन करने हैं लेकिन उनके जीवन चरित्र का दर्शन अपने जीवन मे उतारना है। श्रीराम के जीवन का आत्म साक्षात्कार करना जरूरी है अपने आपको जानना जरूरी है।

चित्रकूट / मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश के गुप्त गोदावरी मार्ग मे ब्रह्माकुमारी संस्थान मे ब्रह्म भोज का आयोजन किया गया। जिसमे ज्ञान वर्षा भी की गई। जीवन क्या है ? आत्मा कहां रहती है ? परमात्मा का आत्मा से क्या कनेक्शन है ? जीवन कैसे जिएं ? ऐसे रहस्य का ज्ञान आई हुई आत्माओं को दिया गया।

ब्रह्माकुमारी मोनिका बहन ने श्रीराम और माता केकई के रिश्ते का वर्णन करते हुए आज के रिश्तों की सच्चाई की परत खोल दी और कहा कि एक बार रामायण और देख लेना , कितनी सहनशक्ति थी जो अब किसी के पास है क्या ?

देर किस बात की ? करिए दान

माता वनवास दे और घर मे हिस्सा ना दे तो आज का भाई अपने भाई की हत्या कर देता है लेकिन श्रीराम ने ऐसा किया क्या ? इस सवाल का जवाब सोचने को मजबूर करता है कि हम क्या खो चुके हैं ?

इसलिए श्रीराम की मूर्ति के दर्शन करने हैं लेकिन उनके जीवन चरित्र का दर्शन अपने जीवन मे उतारना है। श्रीराम के जीवन का आत्म साक्षात्कार करना जरूरी है अपने आपको जानना जरूरी है।

श्रीराम की सबसे प्रिय मां कौशल्या नही बल्कि केकई थीं। वो मां केकई से हर सवाल करते थे और मन के द्वंद को समाप्त करते थे और वही माता उनको वनवास दे देती है तो वह चल देते हैं वन की ओर और प्लानिंग क्या थी ? रावण का वध करना।

रावण का मतलब विकार जो विकार हमारे अंदर बैठ चुके हैं। उन विकार का दहन करना है और मुक्त हो जाना है। जब विकार मर जाता है तब राम का जन्म हो जाता है इसलिए आज के मनुष्य को रावण से राम बनना है , नर से नारायण बनना है और नारी से नारायणी बनना है।

इस धरा को स्वर्ग बनाने का काम स्वयं परमात्मा कर रहे हैं। यही नर्क है और यही स्वर्ग है इसलिए नर जब नारायण होगा और नारी से नारायणी होगी तब यह धरा स्वर्ग हो जाएगी। इसलिए ब्रह्माकुमारी संस्थान द्वारा विकार मुक्त नर – नारी बनाने के लिए परमात्मा का ज्ञान दिया जा रहा है।

भोपाल से चित्रकूट मे सेवा देने आए भाई बहन इन दिनों चित्रकूट धाम के गांव गांव पहुंचकर परमात्मा का संदेश दे रहे हैं। जिसमे नशा मुक्त नर – नारी बनाने का आकर्षक नाटक भी दिखाया जा रहा है। संस्थान का यह प्रयास गलत तरीके को बदलकर सही तरीके से जीवन जीने एवं धर्म की वास्तविक स्थापना का है। बीके पारस बहन , बीके आशीष भाई , बीके महेन्द्र भाई और पालदेव ब्रह्माकुमारी शांति भवन की प्रमुख संचालिका बीके संगीता बहन उपस्थित रहीं जिन्होंने उपस्थित अतिथियों को ज्ञान दिया।

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