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लोकल मीडिया ने ही खबर की पतंग खूब उड़ाई और उड़ान ऐसी नजर आई कि रोज लगता था कि अब कटेगा अब मिलेगा ? जैसे पतंगबाज एक दूसरे की पतंग काटकर लूट लेते हैं ऐसा ही हाल सपा प्रत्याशी के टिकट का हो गया था कि आज रात कटेगा और भैरों प्रसाद मिश्र को टिकट मिल जाएगा।

बांदा लोकसभा : सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मीडिया के सामने कहा था कि आपसे बचकर रहना है बस हम चुनाव जीत जाएंगे अगर कोई हराता है तो वह मीडिया हरा देती है। अखिलेश यादव ने टिकट देकर तुरूप का इक्का मारा था कि घोषित प्रत्याशी बीमार हो गए और खबर चल पड़ी कि सपा प्रत्याशी एडमिट हो गए जिसका परिणाम घोर निराशा मे बदलने लगा।

लोकल सपाइयों के खेमे मे मौका लपकने का समय तब आया जब भाजपा ने टिकट फाइनल कर दिया तो टूटे दिल वाले भाजपाई नेता और मौके पर चौका लगाने वाले सपाइयों की चर्चा होने लगी।

डा. शशांक द्विवेदी के रूप मे कभी ब्राह्मण कार्ड खेल चुकी सपा दोबारा ब्राह्मण कार्ड खेलने से बचती रही है। लेकिन इस लोकसभा चुनाव मे एक बार फिर सपा के ब्राह्मण कार्ड खेलने की चर्चा होने लगी जो अब तक जोकर कार्ड साबित हुआ है कि लोग मजे ले रहे थे और सपा प्रत्याशी शिवशंकर सिंह पटेल मीडिया के जाल मे फंस गए।

लोकसभा चुनाव कार्यालय खोलने आए प्रत्याशी ने कुछ पत्रकारों को आमंत्रित किया और कहने लगे ना बदला है ना बदलेगा। बोले बीमार था तो कौन बीमार नही होता ! मैं अब स्वस्थ हूं और परिवर्तन की लहर मे चुनाव जीतकर आऊंगा।

@hotelsphaticckt

सबसे बड़ा सवाल है कि सपा से भैरों प्रसाद मिश्र को टिकट दिए जाने के नाम पर एक बार भी वायरल वीडियो मे भैरों प्रसाद मिश्र का नाम लेते हुए नजर नही आ रहे हैं। जबकि लोकल मीडिया ने ही खबर की पतंग खूब उड़ाई और उड़ान ऐसी नजर आई कि रोज लगता था कि अब कटेगा अब मिलेगा ? जैसे पतंगबाज एक दूसरे की पतंग काटकर लूट लेते हैं ऐसा ही हाल सपा प्रत्याशी के टिकट का हो गया था कि आज रात कटेगा और भैरों प्रसाद मिश्र को टिकट मिल जाएगा।

इधर भाजपा के पूर्व सांसद भैरों प्रसाद मिश्र नजर भी नही आ रहे थे। वह आवास मे नही दिख रहे थे। सूत्र बताते थे कि लखनऊ मे हैं और बात पक्की हो चुकी है तो मीडिया ने भी कयास लगाना शुरू किया कि चुनाव का सीन क्या होगा ?

लोग इधर भैरों प्रसाद मिश्र और आरके सिंह पटेल की चुनावी लड़ाई का आनंद लेने की कल्पना मे जी जान लगाए थे कि उधर फटा पोस्टर निकला हीरो की तरह शिवशंकर सिंह पटेल ने जनपद के कुछ पत्रकारों को बुलाकर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया पूर्व मे वीर सिंह विधानसभा चुनाव मे ऐसा कर चुके हैं कि पहले बोले नही लडूंगा फिर लड़े तो जमकर लड़े।

किन्तु एक लड़ाई सपा हो या भाजपा भितरघात की खतरनाक है जो लोग सपा से शिवशंकर सिंह पटेल का टिकट कटवाने का पुरजोर प्रयास कर रहे थे वही प्रत्याशी के लिए हार – जीत के मोहरे साबित होंगे क्योंकि भितरघात करने वालों का असली मन्तव्य चुनावी समय मे सभी जानते हैं कि क्या होता है ?

वक्त तय करेगा कि ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप मे कौन आता है ? क्योंकि भैरो प्रसाद मिश्र का तो नाम उछला था बल्कि भाजपा के दो नेता अभी भी अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के संपर्क मे हैं और खेल तो यहां कमेरावादी अपना दल भी करने जा रहा है और पल्लवी पटेल के फालोवर्स खूब हैं।

इस घटनाक्रम से मीडिया ने चुनाव मे बढ़त बना ली है। सपा प्रत्याशी अपने ही मुखिया के बयान के आधार पर चुनाव लड़ने मे एक कदम पीछे हो चुके हैं वो अंततः मीडिया शरणं गच्छामि हो चुके हैं जिस मीडिया से आम सपाई भी दूरी बनाता है।

तो कुल मिलाकर कहा जा रहा है कि सिंघम मूवी का वो डायलॉग चर्चा मे है कि देखा मीडिया की ताकत।

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