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@Ashok jatav {‌ अंतर्मन }

लक्ष्य तक पहुंचे बिना पथ पर पथिक को विश्राम कहाँ ? मेरे अंतर्मन मे यह वाक्य सदैव चलता रहता है। आज वही प्रतीत होता है कि हिन्दुत्व के प्रचंड प्रतीक योगी आदित्यनाथ इसी ध्येय वाक्य के साथ लक्ष्य तय करते हैं और उसकी प्राप्ति तक  विश्राम नहीं करते हैं। 37 वर्षों बाद उत्तर प्रदेश में जो सरकार पुनः वह योगी सरकार है।

उत्तर प्रदेश का मौसम और यहाँ की जनता का मिजाज लगभग एक जैसा है। यही कारण रहा कि यहाँ अब तक कोई भी सरकार लगातार दोबारा सत्ता पर नहीं आ सकी थी। चूंकि यहाँ की गर्मी जितनी विख्यात है वैसे ही जनता स्वाभिमानी गर्म मिजाज मानी जाता है जो तनिक असंतुष्ट होने पर भी सरकारें बदलती रही है।

लेकिन अब जनता का मिजाज और योगी सरकार का मिजाज एक जैसे समझ मे आने लगा है। इसलिए यहाँ की जनता ने अपना मुखिया बाबा बुलडोज़र को ही माना है। जो लोग कह रहे थे कि बाबा मठ जाएंगे वह आज अटल स्टेडियम मे देख लें कि वही बाबा बुलडोज़र शपथ ले रहे हैं जो गुंडे – माफियाओं पर बुलडोज़र चलवाने के लिए चर्चित हैं।

जिस प्रकार की कानून व्यवस्था जनता को मिली और सुरक्षा का भाव जन – जन ने महसूस किया और मुफ्त राशन महामारी के समय आम गरीब जनता के जीवन के लिए संजीवनी साबित हुआ। जिससे भाजपा – गठबंधन को जनता ने पहली पसंद बनाकर सर्वसमाज ने मतदान किया।

जनता के इस स्नेह प्रेम को देखते हुए ही शपथ से पूर्व कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गरीब कल्याण के कामों को आगे बढ़ाना होगा। भाजपा का मूल विचार ही यही है कि समाज की अंतिम पंक्ति मे खड़े व्यक्ति का उत्थान करना , इसी ध्येय वाक्य के साथ बनी हुई सरकार पूरे 5 वर्ष मे महामारी का भी सामना की और जनता ने इस बात को महसूस किया कि विकास कार्य मे महामारी बड़ी बाधा बनी लेकिन कोरोना संक्रमित होने के बावजूद सीएम खुद दौरा करते रहे।

वह समय याद आता है जब आस्ट्रेलिया के एक मिनिस्टर ने कहा था कि हमे किस प्रकार से योगी आदित्यनाथ मिल सकते हैं जिससे हम उनकी जैसी व्यवस्था लागू कर महामारी को नियंत्रित कर सकें। ऐसे ही उम्दा स्तरीय कार्यों को जनता ने लगातार देखा और विपक्ष के मुफ्त जुमलों से इंकार कर बाबा बुलडोज़र से इकरार किया है।

पुनः उत्तर प्रदेश मे योगी सरकार बनने से साफ नजर आ रहा है कि हिन्दुत्व की सबको समाहित कर चलने वाली राजनीति देश – प्रदेश की जनता को पसंद है। यह 2024 मे मोदी है तो मुमकिन है को पुनः चरितार्थ करने के लिए जनता द्वारा दिया गया जनादेश है।

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