SHARE

चित्रकूट : अनाथों के नाथ गरीबों के नाथ कामना को पूरा करने वाले कामतानाथ के भक्तों कि भक्ति का किस्सा अब पता चलने लगा है। हर महीने अमावस मे ऐसे ही नही खिचे चले आते भक्त बल्कि सबकी इच्छा की पूर्ति सचमुच करते हैं।

हाल ही मे मिले कौशांबी जनपद के अशोक नरायण तिवारी जो मेरे फेसबुक फ्रेंड भी हैं तो वर्चुअल वर्ल्ड से बाहर हुई मुलाकात मे उन्होंने कहा मैं 50 वर्ष से हर अमावस को चित्रकूट आ रहा हूं।

एक बार किसी कारण से अमावस मे चित्रकूट नही आ पाया तो मुझे अच्छा नही महसूस हो रहा था। कुछ गडबड सा लग रहा था और मेरी तबियत खराब हो गई।

उन्होंने फिर कहा कि मेरी जब भी तबियत खराब हुई तो मैंने कामतानाथ से कहा और मत्तगजेन्द्रनाथ के दर्शन किए। एक बार तो मैंने मत्तगजेन्द्रनाथ शिव लिंग मे हथेली रखकर कहा कि ये गांठ निकल आई है प्रभु अब मेरी रक्षा करना तो सचमुच मुझे डाक्टर के पास नही जाना पड़ा और तत्काल राहत मिलना शुरू हुआ।

मेरा परिवार सुखी है तो कामतानाथ ने मेरी सुनी है। उन्होंने बच्चों को इस लायक बनाया कि आज बच्चे और बहू अध्यापक हैं। सबकुछ बहुत अच्छा चल रहा है तो कामतानाथ इस तरह से कामनाओं की पूर्ति करते हैं।

धर्म अध्यात्म मे कहा भी गया है कि हरि इच्छा से सबकुछ हो जाता है। अपनी इच्छा से कुछ हो ना हो लेकिन हरि इच्छा से पल भर मे सबकुछ हो जाता है इसलिए हरि इच्छा को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

धार्मिक आध्यात्मिक जिंदगी जीने वाले मनुष्य भक्ति मार्ग से सुख महसूस करते हैं इसलिए चित्रकूट की ओर भक्तों का झुकाव रहता है। अशोक नारायण तिवारी कामतानाथ के ऐसे ही भक्त हैं जो कहते हैं कि किस्सा बताऊंगा तो लोग हैरान हो जाएंगे। उनका दावा है कि कामतानाथ उनको बहुत कुछ आभास करा देते हैं और दर्शन भी महसूस करा देते हैं।

इसलिए हर अमावस मे आपको आना ही आना है। कामतानाथ मे लगने वाली इस भीड़ का रहस्य ही यही है कि अनाथ हो या गरीब सबकी सुनते हैं और जीवन को समृद्ध कर देते हैं , कष्टों को काट देते हैं।

कामतानाथ चित्रकूट के भक्त इसके आध्यात्मिक धार्मिक स्वरूप को जीवंत रखना चाहते हैं। जिससे आने वाली हर पीढ़ी को ऐसा ही धार्मिक आध्यात्मिक भाव महसूस हो और दुख दर्द व संकट से मुक्त होने के लिए यहां शरण मे आ सकें जिससे जिंदगी का वास्तविक और अंतिम लक्ष्य भी पा सकें।

भक्तों के जीवन से भक्ति सीखी जा सकती है , अनुकरण किया जा सकता है तो अशोक नरायण तिवारी जैसे भक्त के विश्वास आस्था श्रद्धा भाव से भक्ति मार्ग चुन सकते हैं और जिंदगी मे आंतरिक परिवर्तन लाइए जिसे इनर इंजीनियरिंग कहते हैं जिसकी आवश्यकता इस समय सबसे ज्यादा होने वाली है।

” कामतानाथ सरकार की जय “

लेखक / पत्रकार सौरभ द्विवेदी की कलम से

image_printPrint
5.00 avg. rating (98% score) - 1 vote