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By – Saurabh Dwivedi

राष्ट्र की सर्वोच्च संसद में जनता द्वारा चुनकर पहुंचे बांदा सांसद सबसे अधिक नंबर अर्जित कर सर्वश्रेष्ठ सांसद के पद को शोभायमान करते हैं। ऐसे में वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र की क्लास के सबसे अच्छे स्टूडेंट भी कहलाते हैं। संसद से छुट्टी मिलने के पश्चात बांदा – चित्रकूट जैसी बड़ी लोकसभा में निरंतर पांच वर्ष से जनसुनवाई करने में भी अव्वल नजर आते हैं।

बांदा रहें या चित्रकूट जनसुनवाई कहीं भी शुरू हो जाती है। सुबह की दिनचर्या से निवृत्त होकर स्वयं सांसद जनता के समक्ष प्रस्तुत हो जाते हैं। अनेक बार देखा जा सकता है कि स्वयं ही कलम उठाकर पत्र लिखने लगते हैं। यह अपने आप में जनसेवा की भावना ही कही जा सकती है अन्यथा पत्र लिखने वाले सहयोगी लोगों की कमी नहीं है। किन्तु बांदा सांसद भैरो प्रसाद मिश्र को जनसेवा मे मिलने वाले आनंद की बात ही है कि वे जनता के लिए पत्र लिखने जैसा कार्य स्वयं संपादित करना कर्तव्य समझते हैं।

पिछले दिनों कुछ किसान अपनी बर्बाद हुई फसल के मुद्दे को लेकर सांसद के समक्ष प्रस्तुत हुए थे। सर्वप्रथम सवाल यही था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा कराया ? पर अफसोस कि किसानों ने फसल बीमा ही नहीं कराया था। इस पर ही सांसद दर्द से बिफर उठे कि जगह-जगह कैंप लगाकर संगोष्ठी कर फसल बीमा योजना की जानकारी दी जाती है। इसके लाभ से वाकिफ कराया जाता है। परंतु बीमा ना कराकर स्वयं का ही नुकसान कर रहे हैं। साथ ही नसीहत दी कि फसल बीमा अवश्य कराएं , जिससे कोई भी किसान फसल नष्ट होने पर परेशान ना हो सके।

तत्काल लेखपाल से बात कर राजस्व लाभ हेतु वास्तविक सर्वे करने की बात कह दी गई। ऐसे में किसानों के पास राजस्व लाभ ही एकमात्र उपाय रह जाता है। किन्तु केन्द्र की सरकार ने किसानों को फसल नुकसान में अधिक लाभ के लिए प्रधानमंत्री बीमा योजना की सुविधा शुरू की।

बांदा सांसद सुबह 9 बजे से लगभग ग्यारह या बारह बजे तक जनसुनवाई करते फिर निकल पड़ते संसदीय क्षेत्र की ओर , यह पूरे साढ़े चार साल और अब तक जनवरी अंत की पूरी दिनचर्या है। बतौर सांसद बांदा – चित्रकूट हेतु जो कुछ किया जा सकता था वो सबकुछ करने में अपनी सम्पूर्ण ऊर्जा लगा दी है। कोशिश यही रही कि सम्पूर्ण कार्यकाल में जनहित का कोई कार्य अधूरा ना रह जाए।

तमाम लोगों का मानना भी है कि बांदा संसदीय क्षेत्र से सांसद बहुत से लोग बनते रहे परंतु प्रथम बार बांदा का सांसद संसद पर अव्वल है। यह बांदा – चित्रकूट के लिए गर्व का पल है। सच है कि संसद के इतिहास में बांदा सांसद का उच्चतम स्कोर दर्ज हो चुका है। साथ ही विकास कार्यों पर नजर दौड़ाएं तो काफी कुछ किया जा चुका है , जितना कि पांच वर्षों में किया जा सकता है।

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