तपस्वी श्रीराम की तप स्थली चित्रकूट के रैन बसेरा मे क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित किया , जिला बैठक मे वर्चस्व की जंग को इंगित करते हुए बोले किसी का वर्चस्व नही किसी की उपेक्षा नही ऐसे चलेगा संगठन और हर नेता व कार्यकर्ता को बोले कि जाकर मंथन करना कि अपने लिए काम करते हो या भाजपा के लिए काम करते हो , जो भाजपा के लिए काम करेगा वो सदैव संगठन के हित मे काम करेगा।
संगठन की एकता और समानता के लिए बोलते हुए लोकसभा चुनाव से पूर्व भाजपा के कार्यों को गिनाने लगे और सामाजिक क्षेत्र मे आयोजित होने वाले आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी व सुनिश्चित किए कि विजय पथ यहीं से तैयार होता है इसलिए विधानसभा स्तर पर जन सम्मेलन , बुद्धिजीवी वर्ग का सम्मेलन आदि का आयोजन बड़े स्तर पर होना चाहिए।
विपक्ष पर निशाना साधते हुए जीरो पर आउट करने को बोलते हैं तो ऐसा लगता है कि बड़ा खतरनाक हमला करते हैं कि सपा जैसे मुखर विरोधी दल भी हताश होने लगें कि ये तो जीरो मे आउट करने को बोलते हैं !
यही भाजपा के विजय की मजबूत फील्डिंग कही जा सकती है कि जीरो पर आउट करना है वहीं कैच आउट हो या रन आउट हो अथवा क्लीन बोल्ड परंतु लक्ष्य यही है और उत्तर प्रदेश से देश भर को संदेश जाता है तो क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने वनवासी राम , सन्यासी राम और तपस्वी राम की पावन धरा से लोकसभा चुनाव 2024 की सबसे बड़ी अवधारणा तैयार कर दी है।
उन्होंने उद्बोधन मे खासतौर से बोला कि जनता दक्षिणा देगी। वह कहते हैं कि 101 सीट का दक्षिणा मिलेगा तो भाजपा 2024 मे 401 सीट के साथ फिर से सरकार बनाएगी और मोदी प्रधानमंत्री बनने की हैट्रिक लगाएंगे।
विपक्ष दक्षिण से हराना चाहता है और बीजेपी दक्षिणा जीतना चाहती है लेकिन क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल का आत्मविश्वास नजर आया कि श्रीराम को पूजने वाली जनता राम मंदिर बनने के उपलक्ष्य मे और रामलला की पूजा करने के बदले भाजपा को 101 सीट की दक्षिणा देगी तो बुन्देलखण्ड की सभी 10 सीटें जीतेंगे और उत्तर प्रदेश से 80 सीट जिताकर विपक्ष को जनता जीरो पर आउट करेगी।
कुलमिलाकर कहा जाए तो चित्रकूट धार्मिक आध्यात्मिक क्षेत्र मे नेतृत्व करने के साथ राजनीति की सबसे बड़ी प्रयोगशाला बन गया जहाँ से देश भर के चुनाव का परशेप्सन बनाया जाता है और कानपुर बुन्देलखण्ड क्षेत्र के अध्यक्ष प्रकाश पाल ने दक्षिणा मे 101 सीट मांगकर जनता से 401 सीट मांग लीं।
( चित्रकूट से सौरभ द्विवेदी की रिपोर्ट )