@Saurabh Dwivedi
पिछले दिनों उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मथुरा पर बयान देकर राजनीतिक जगत में भूकंप ला दिया था। उन्होंने कहा था काशी मे जारी है मथुरा की बारी है , बड़ी बात है कि अयोध्या मे राम मंदिर बन रहा है। काशी और मथुरा मे भी मंदिर – मस्जिद क्षेत्र का विवाद बना हुआ है। इस संदर्भ मे एक इंटरव्यू मे सीएम योगी आदित्यनाथ ने बड़ी बात कही है।
न्यूज 18 के चौपाल कार्यक्रम मे सीएम योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश मे विकास और कानून व्यवस्था पर बात रख रहे थे। तभी मथुरा पर केशव मौर्य के बयान वाले सवाल पर योगी आदित्यनाथ ने चतुराई से इसे विकास का मुद्दा बता दिया। उन्होंने कहा कि काशी मे विकास जारी है और मथुरा मे तीर्थ क्षेत्र मे विकास किया जाना शेष है जिसके लिए उप मुख्यमंत्री का यह बयान रहा होगा। मथुरा , वृंदावन और वरसाना सहित आसपास के क्षेत्र को मिलाकर तीर्थ क्षेत्र बनाया गया है। उसके विकास से उत्तर प्रदेश मे अयोध्या , काशी , मथुरा और यहाँ तक कि प्रयागराज मे भी तीर्थस्थल के विकास से संपूर्ण विकास की रूपरेखा तैयार होगी।
हालांकि वोट के ध्रुवीकरण के सवाल पर उन्होंने इंकार कर दिया। परंतु जमीनी सच्चाई यह कहती है कि मथुरा मे मंदिर के पास जो मस्जिद है उसको लेकर तमाम संगठन द्वारा बयानी तीर चलाए जा रहे हैं। जिससे मामला समय-समय पर गर्म होता रहता है और केशव मौर्य के बयान का यही मतलब निकाला जा रहा था कि वह अयोध्या की तरह मथुरा के मुद्दे को हवा दे रहे हैं।
विपक्षी दलों ने भी खूब हमला किया। विपक्षी दलों की आम राय रही कि भाजपा विधानसभा चुनाव हार रही है इसलिए फिर एक बार मंदिर-मस्जिद का मुद्दा उछालकर चुनाव जीतना चाहती है। भाजपा को मंदिर-मस्जिद के मुद्दे से राजनीतिक लाभ होता है। अयोध्या मे मंदिर निर्माण से एक मुद्दा ठंडा हुआ है तो चुनाव से ठीक पूर्व मथुरा का मुद्दा उछालकर भाजपा पुनः सत्ता मे आने की कोशिश कर रही है।
हालांकि फायरब्रांड नेता के रूप मे पहचान बना चुके सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके बयान को विकास से जोड़कर राजनीतिक चतुराई दिखाई एवं दंगा – फसाद करने वालों को कड़ा संदेश दिया कि जो भी दंगा करेगा उसकी संपत्ति जब्त हो जाएगी और ऐसे लोगों को सेटेलाइट मैपिंग के माध्यम से खोजना पडेगा तो नहीं मिलेंगे , दंगाइयों सिर्फ एक ही जगह है जेल। उन्होंने सपा के सफीकउर्र रहमान के बयान पर भी करारा जवाब देते हुए कानून व्यवस्था का हवाला देकर बड़ा संदेश दिया। यह स्पष्ट हो रहा है कि चुनाव आते – आते फिर एक बार हिन्दू-मुस्लिम ध्रुवीकरण प्रकट हो जाएगा।