@Nidhi Nitya
छोड़ दी गई प्रेमिकाओं
कभी कभी सोचती हूँ
उन छोड़ दी गयी प्रेमिकाओं के बारे में
जिन्होंने अपने प्रेमी की
हर चोट को सहलाया
हर उदासी को रंगों से भरा
जिन्होंने उसकी आवाज़ से ही
समझ लिया कि
मन का कौन सा कोना दुख रहा है
जिन्होंने प्रेमी के यश पर
उसकी माँ से अधिक गर्व किया
जिनको बंद कमरों के बाहर लाकर
समाज के आगे सम्मान का
रिश्ता पहनाने की
प्रेमी ने कभी पहल ही नहीं की
वे फिर भी लेती रहीं बलाऐं प्रेमी की
करती रही स्वयं का अर्पन
जिनको भोगा गया देह से अधिक
जिनको बहलाया गया प्रेमपगी बातों से
जिनके सामर्थ्य और समझ का उपयोग
अधिकार पूर्वक अपने लिए करता प्रेमी
अपने जीवन में नहीं दे पाया
कोई अधिकार
उन्होंने पति मानकर प्रेमी को दिया
स्व पर अधिकार
वो छोड़ दी गयी प्रेमिकाएं ही
सींच रही हैं प्रेम को
वे ही राधा के आत्मखण्ड को लिए जी रही हैं
वे जो हर रात यादों के बटुए को
सिरहाने रखकर सो रही हैं
वे ही प्रेम को प्रेम का सम्मान दे रही हैं
मुझे प्रेम है
उन छोड़ दी गयी प्रेमिकाओं से
जिन्होंने प्रेम करना नहीं छोड़ा
और अनंतकाल तक
छोड़ी गई कहलाई।