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आज बांदा मे एक ऐसी मुलाकात हुई जो मुझे सदैव स्मरण रहेगी। इनके नाम और चेहरे से सभी परिचित हैं जो नही जानते उनके लिए नाम है अजीत गुप्ता । बांदा जनपद के बिजनेसमैन कहूँ या यूथ लीडरशिप के आइकॉन कहूँ , दोनो विशेषण आपके लिए उपयुक्त हैं।

मुलाकात का रहस्यमयी पल धार्मिक और आध्यात्मिक है। हम सबके संबंधों मे ऊर्जा का स्थान सबसे महत्वपूर्ण है। मेरे और अजीत भाईसाहब के व्यक्तिगत रिश्ते मे एक ऐसी ही धार्मिक – आध्यात्मिक ऊर्जा का विशेष स्थान महसूस हुआ।

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आध्यात्मिक ऊर्जा की एक सुगंध जो अंतर्मन मे व्याप्त हो गई है। जीवन मे बहुत सी अच्छाईयों पर बहुत से लोग पर्दा डालकर रखते हैं और उनको कैश नही कराते , ऐसी खास शख्सियत आज के समय मे भी हैं।

यूँ तो हमारी दो – तीन मुलाकात पहले भी हो चुकी हैं। किन्तु बांदा पहुंचकर मैंने मुलाकात की इच्छा व्यक्त की तब पहली बार आपके घर पहुंचकर मुलाकात हुई।

इस मुलाकात मे हमने ईश्वर , धर्म और आध्यात्म पर बातें की। जिसमे आपका धार्मिक – आध्यात्मिक पक्ष मेरे सामने जब प्रस्तुत हुआ तो अवाक रह गया। जबकि आपको सिर्फ एक बिजनेसमैन और लीडर के रूप जानता था।

आप बुंदेलखण्ड के विकास के लिए कलेक्टिव लीडरशिप की बात करते हैं। पालिटिक्स मे नवाचार को महत्व हृदय से प्रदान करते हैं। साहित्यकार और पत्रकार जो अच्छे – सच्चे और सकारात्मक क्रांतिकारी वर्ग के समर्थन मे आपने हमसे अनेक बातें कहीं।

बांदा – चित्रकूट के विकास और यूथ को रोजगार से जोड़ने के लिए आपकी सहज अभिव्यक्ति रही कि कैसे यह सबकुछ संभव हो सकता है। और इसके लिए युवाओं को गंभीरता से विमर्श करना चाहिए।

इस मुलाकात से मुझे समझ मे आया कि अक्सर ऐसी मुलाकातें होनी चाहिए वह भी फुर्सत के पल मे जब स्थिर मन मस्तिष्क से हम स्वयं से लेकर समाज और देश के भविष्य तक का संवाद कर सकते हैं।

इस दौरान वह पल भी आ गया जब मुझे लगा कि अब आपको सुन्दरकाण्ड भेट कर दूं। इस धार्मिक आध्यात्मिक प्रयास के आप वाहक बने हैं और आप तो अक्सर सुन्दरकाण्ड का पाठ करेंगे ही जिससे हनुमान जी महराज जीवन के प्रत्येक कुरूक्षेत्र मे रथ के ध्वज पर विराजमान होकर अच्छाई की विजय हेतु सहयोग करेंगे। धर्म की स्थापना निरंतर होती रहेगी।

यह स्पष्ट है कि बुंदेलखण्ड के फलक मे अजीत गुप्ता का व्यक्तित्व उदीयमान सूर्य की तरह विराट व्यक्तित्व है।

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