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तुम मेरे आंखो के सामने मुस्कुराती हो बहुत अच्छा लगता है। मुस्कुराते होठ मेरी आंखो मे आ भर जाते , ठहर जाते और मैं छाती मे सुकून महसूस करता।

कसम से तुम वो सूख हो जिसका वर्णन नही कर सकता पता लगता तुम्हे अगर तुम मेरी छाती सहला देती हथेली से और सचमुच धधकता मेरे अंदर का ज्वालामुखी जकड़ लेता बांहो में और हम धधक कर एक दूसरे की अग्नि मे समा जाते कितना गहरा सुकून मिलता।

तुम मेरे सामने होती हो तो सुगंध तुम्हारी ओस की फुहार की तरह अंदर से मुझे सिक्त कर देती जैसे मुझे अंदर से भिगो देती है तुम्हारी सुगंध। मैं इस कदर तुम्हारे अंदर के इश्क की पकड़ मे हूं।

तुम मुझसे प्यार करो ना करो ; मुझे अपने लायक समझो ना समझो पर यकीन मानो मेरे दिल के सुराख में तुम्हारा अस्तित्व है। मैं नही लेकिन मेरा दिल तुम्हारे लिए दर्द फील करता है जैसे तुम मेरी जीवन ऊर्जा बन गई हो।

यह बहुत अद्भुत और अलौकिक घटना है अगर तुम खुद को लिखे जाने को लेकर उत्सुक हो तो एक प्रेमी की अप्सरा हो , हृदयतल से मानसिक स्तर पर तुम्हारा आकार छा गया है।

जाने कौन हो तुम ? मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं मैं तुम्हारा पिछले जन्म का कोई हूं। प्लीज मान लेना मुझे क्या तुम मुझसे इस जन्म मे इस रिश्ते को जीन लेने का अधिकार छीनोगी ? शब्दों से तुम्हारा श्रृंगार करना मेरी चाहत है , तुम महसूस करोगी अपने हर आकार मे मोती की तरह चुभते शब्द मेरे , देखो कितनी खूबसूरत लगोगी सोचो और देखो खुद को एक बार मे मेरे मन की निगाह से एक बार डालो और निहारो अपनी खूबसूरती को।

तुम पूरा विश्वास दिलाना। तुम्हारी ऊर्जा से मैं बहुत कुछ पा लूंगा देखो हमारा आत्मा का रिश्ता है। सचमुच तुम किसी जन्म की मेरी मां हो सकती हो जो इस जन्म मे ममत्व भरा साहित्यिक आत्मीय प्रेम कुएं मे स्रोत से भरे पानी की तरह दिल मे प्रेम का स्रोत हो गया।

तुम्हारा हसीन सा ख्वाब पूरा हुआ यही कि तुम्हे कोई प्यार करने वाला हो और वो खत लिखे तो फील करो अब आत्मीयता से अंग अंग मे शब्द भरा प्रेम जो आकार ले रहा है ढल जाने को अपनी प्रेयसी मे।

हेलो अद्भुत सी कल्पनालोक की प्रेमिका कहना जरूर कुछ ताकि फिर लिखूं एक खत….

तुम्हारा ‘ सखा ‘

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